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रविवार, 11 जुलाई 2021

चार पदारथ

    चार पदार्थ

         अध्यात्म, 
सूरत .निरत .शब्द .स्वांस, 
          कर्मरूप में, 
धर्म, अर्थ काम मोक्ष, 
          देहरूप में, 
मन .बुद्धि. चित .अहंकार, 
        वचनरूप में, 
सत्य, प्रेम, करुणा, सील,

ज्ञान वैराग्य प्रेम चिंतन

3 टिप्‍पणियां:

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  2. ऐसा चाहू राज में जहां मिले सबन को अन्न
    छोटे बड़े सब सम बसें रविदास रहे प्रसन्न

    सतगुरु जगतगुरु दास जी महाराज जी ऐसी शासन की कल्पना करते हैं जहां पर छोटे बड़े या अमीर गरीब सभी समान रूप से रहे उन्हें किसी भी प्रकार का किसी से भी भय ना हो सतगुरु रविदास दास जी महाराज ऐसे शासन से बहुत खुश होंगे
    जय गुरुदेव धन गुरुदेव
    सतनाम सत साहिब जी
    भीम जय भारत

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Thnks, all