सोमवार, 28 मई 2018
रविवार, 27 मई 2018
धर्म क्या है
धर्म क्या है यह एक बहुत बड़ा विषय है दरअसल धर्म एक पूजा पद्धति का नाम है कि हम अपने पूजा अर्चना किस प्रकार किस भांति करते हैं या किसमें हम अपने मन की आस्था रखते हैं मेरे हिसाब से इसी को धर्म कहते हैं मगर कुछ लोगों ने इसको एक बिजनेस का रुप दिया जो धर्म को बिजनेस बनाता है तब धर्म नष्ट हो जाता है धरम का मतलब जोड़ना नहीं तोड़ना भी है दरअसल हम मानव जाति का धर्म मानव धर्म है
जो कहीं हर धर्म से बड़ा धर्म है मानव सेवा सबसे बड़ी सेवा होती है जो इंसान मानव रहकर मानव के बारे में अज्ञान बना रहता है वह इंसान नहीं पशु के समान होता है और धर्म यह नहीं सिखाता कि आपस में बैर रखना मगर इंसान धर्म को खिलौना और एक खिलौने खिलौने को धर्म बताता है इसी आडंबर में हमारा भारत देश आज सदियों से झगड़ा चला रहा है जिस कारण आज देश में छुआछूत अपने चरम सीमा पर पहुंच गई मुझे तो लगता है कि आने वाले समय में कहीं आपसी कलेक्शन दर्शन हो जाए जैसे किसे कहते हैं ग्रह युद्ध और अगर ऐसा हुआ तो यह एक बड़ी पीड़ादायक विनाशलीला होगी इसलिए मैं सभी जो मानव धर्म में विश्वास रखते हैं आपस में सभी प्यार से रहे और किसी एक धर्म विशेष पर आस्था ना रखकर सभी धर्म का आदर करें क्योंकि सभी धर्म इंसान के बनाए गए हैं किसी परमात्मा ईश्वर नाम नहीं धर्म नहीं बनाए आदमी ने अपने मन की कल्पना से धर्म की व्यवस्था बनाई और मन की कल्पना से ही जीता जागता रहता है और मन मरा सबकुछ मर गया सतनाम सत साहिब जय भीम जय भारत अभय दास