शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2021
गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021
मंगलवार, 9 फ़रवरी 2021
सोमवार, 8 फ़रवरी 2021
भारतवर्ष कैसे सोने की चिड़िया कहलाता है।

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सबसे पहले भारत वर्ष का नाम जम्मू दीप था और आज जिसका नाम भारतवर्ष है वह एक टुकड़ा मात्र है जिसे आर्यवर्त भी कहते हैं जम्मू दीप में पहले देव असुर थे और बाद में कुरू वंश
और पूरू वंश लड़ाई मैं भारतवर्ष बहुत खंडों में बांटा आपस में झगड़े के कारण टुकड़ों में बट गया जम्मू दीप धरती के बीचो बीच है जम्मू दीप का विस्तार 100000 योजन है जम्मू दीप पर जामुन के अधिक पेड़ होने के कारण इस द्वीप का नाम जम्मू द्वीप पड़ा था इसमें छह पर्वत है.
1.प्लक्ष
2.शाल्मली
3.कुश
4. क्रॉच
5.शाक्य
6. पुष्कर
पुराणानुसार पृथ्वी के ये नौ खंड या ये विभाग, भारत, इलावृत्त, किंपुरुष, भद्र, केतुमाल, हरि, हिरण्य, रम्य और कुश।समानार्थी शब्द- उपलब्ध नहीं
मच्छेल।यवन की लड़ाई के कारण भारत जम्मू दीप में शरण दिए जाने लगे यहां हिंदू और जम्मू देवासी की आपस के मेल ना खाने और अपना हिंदुत्व को बढ़ावा देने से सभी आपस में अलग-अलग बट गए और फिर बौद्ध काल में यह मान सम्मान की लड़ाई अपने चरम सीमा पर पहुंच गई तब चाणक्य की बुद्धि से चंद्रगुप्त मौर्य की समझ से ज्ञान से भारतवर्ष का संपूर्ण विस्तार दोबारा से किया गया चंद्रगुप्त जी सभी को एक छत्र के नीचे लाने में सफल हुए इनके बाद सम्राट अशोक के बाद बृह्धृत को धोखे से मार कर उनसे सत्ता कब जाएगी और जितना भारत में धन था वह सब लूट लिया गया।
नोट,-अगर लेख में कोई त्रुटि हो तो उसे सही लिखकर भेजें
अभय दास देवबंद